साइबर ठगों का नया हथकंडा, तकनीक के माध्यम से भयभीत कर पढ़े-लिखे लोगों से करोड़ो लूट रहे है साइबर लुटेरे।

खबरों के खिलाड़ी। कुछ समय पहले तक थोड़ा कम पढ़े-लिखें लोगो को साइबर ठग तरह-तरह के छोटे-मोटे स्कैम कर अपना शिकार बनाते थे और 10-20 या 50 हजार तक कि ठगी को अंजाम देते थे। लेकिन अब मामला बहुत आगे बढ़ गया है और ठग बेहद उन्नत तकनीक का प्रयोग कर पढ़े-लिखे लोगो से डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से करोड़ो की ठगी कर रहे है।
बता दें की डिजिटल अरेस्ट एक नई तरह का साइबर क्राइम है। जिसमें ठग पीड़ित को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं कि वे कानून या प्रवर्तन अधिकारी, पुलिस अधिकारी, आयकर अधिकारी, कस्टम अधिकारी अथवा सीबीआई और ईडी हैं, जो पीड़ित को गिरफ्तार करने जा रहे हैं। वे पीड़ित को यह भी बताते हैं कि उनके आधार कार्ड, सिम कार्ड, बैंक कार्ड या बैंक खाते का इस्तेमाल क्रिमिनल एक्टिविटी के लिए किया गया है। इस तरह वे पीड़ितों को डराते हैं और उनके फोन में स्काईप या अन्य कोई वीडियो चैट एप्प डाऊनलोड कराकर उनको अपनी निगरानी में लेकर, मनोवैज्ञानिक रूप से भयभीत कर उनसे पैसे वसूलते हैं। डराने के लिए फेक वारंट, नकली वर्दी, नकली पुलिस स्टेशन आदि का भी प्रयोग साइबर लुटेरे धड़ल्ले से कर रहे है।
ऐसे मे आप सावधान रहें! किसी अनजान व्यक्ति या संस्था को अपनी निजी जानकारी देने से बचें। अगर कोई अज्ञात नंबर से फोन करता है और खुद को सरकारी अधिकारी बताता है, तो उस पर तुरंत विश्वास न करें और इसकी अच्छे से छानबीन कर लें। किसी भी संदिग्ध ईमेल या एसएमएस पर क्लिक न करें और उसमें दिए गए लिंक पर न जाएं। किसी भी अनजान व्यक्ति या संस्था को अपनी पर्सनल जानकारी जैसे कि बैंक अकाउंट नंबर, पासवर्ड आदि साझा न करें। अगर कोई व्यक्ति आपसे किसी बहाने से OTP या किसी अन्य तरह का ऑथेंटिकेशन कोड मांगता है, तो उसे न बताएं। साइबर धोखाधड़ी के बारे में समाचारों और अलर्ट्स पर नजर रखें। अपने सभी अकाउंट्स के लिए मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
डिजिटल हाउस अरेस्ट या किसी भी तरह की साइबर ठगी से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
- सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग करें यानी मजबूत और अनोखे पासवर्ड बनाएं और उन्हें नियमित तौर पर बदलते रहें।
- Two-factor authentication (2FA) ऑन करें। ये 2FAआपके खातों की सुरक्षा में एक अलग परत जोड़ता है।
- सॉफ़्टवेयर अपडेट के साथ-साथ अपने ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउजर और अन्य सॉफ़्टवेयर को नियमित तौर पर अपडेट रखें।
- एक विश्वसनीय वायरस स्कैनर का उपयोग करें और नियमित तौर पर अपने डिवाइस को स्कैन करें।
- संदिग्ध ईमेल और लिंक से बचने के साथ अज्ञात स्रोतों से आए ईमेल और लिंक पर क्लिक न करें।
- सार्वजनिक वाई-फाई का इस्तेमाल न करें तथा सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करते समय संवेदनशील जानकारी न भेजें।
- अपने डिवाइस पर फायरवॉल ऑन करें और इसे नियमित तौर पर अपडेट रखें।
- अपने डेटा का नियमित तौर पर बैकअप बनाएं।
- केवल सुरक्षित वेबसाइटों (HTTPS) का उपयोग करें और अविश्वसनीय वेबसाइटों से बचें।
- साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक रहें और नवीनतम खतरों के साथ सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी हासिल करें।