
Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आते ही राजनीति गरमा गई है। महागठबंधन की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ जहां राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की मौजूदगी से चर्चा में है, वहीं हाल ही में इस मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी माता को लेकर अभद्र टिप्पणी ने नया विवाद खड़ा कर दिया है।
अब बीजेपी इस बयान को मुद्दा बनाकर सड़क से सोशल मीडिया तक विरोध कर रही है और इसे बिहार की सियासत में बड़ा चुनावी हथियार बनाने की कोशिश कर रही है। सवाल उठ रहा है कि क्या यह विवाद महागठबंधन के लिए भारी पड़ सकता है, जैसा पहले भी कई बार हो चुका है।
राहुल-तेजस्वी की यात्रा और विवाद का असर
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए बिहार में पार्टी को दोबारा खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। राजद, वामदल और वीआईपी जैसे सहयोगी दल भी इस यात्रा में उनका साथ दे रहे हैं।
लेकिन मंच से पीएम मोदी के खिलाफ दिए गए अभद्र बयान ने महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। चुनावी माहौल में ऐसा बयान विपक्ष को बैठे-बिठाए मुद्दा देता है, और इतिहास गवाह है कि ऐसे विवादों ने कई बार चुनावी नतीजे पलट दिए हैं।
जब विवादित बयानों ने बदल दिया चुनावी गणित
- 2007 गुजरात चुनाव – “मौत का सौदागर” बयान
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी को “मौत का सौदागर” कहा था।
बीजेपी ने इस बयान को गुजराती अस्मिता से जोड़ दिया।
नतीजा: बीजेपी ने 117 सीटें जीतीं जबकि कांग्रेस केवल 59 सीटों पर सिमट गई।
यह साबित हुआ कि एक विवादित बयान ने पूरे चुनाव का रुख बदल दिया।
- 2015 बिहार चुनाव – “DNA में खराबी” विवाद
बिहार चुनाव से ठीक पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने मुजफ्फरपुर की रैली में नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि “उनके DNA में खराबी है।”
RJD और JDU ने इसे “बिहारी अस्मिता पर हमला” बताकर जोरदार प्रचार किया।
नतीजा: महागठबंधन को 178 सीटें मिलीं, जबकि NDA 58 सीटों तक सिमट गया।
पीएम मोदी का यह बयान खुद उनकी पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हुआ।
- 2022 गुजरात चुनाव – खरगे का “रावण” बयान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी की तुलना “रावण” से की और कहा कि “क्या आपके भी 100 मुख हैं?”
बीजेपी ने इसे गुजरात की संस्कृति और जनता का अपमान बताया।
नतीजा: बीजेपी ने 156 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया, जबकि कांग्रेस केवल 17 सीटों पर सिमटी।
यह कांग्रेस की गुजरात में अब तक की सबसे बड़ी हार साबित हुई।
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बिहार में 2025 का समीकरण
बीजेपी अब महागठबंधन मंच से पीएम मोदी पर दिए गए बयान को पूरे चुनाव में भुनाने की तैयारी कर रही है। पार्टी कार्यकर्ता जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं, पुतला दहन हो रहा है और सोशल मीडिया पर लगातार कैंपेन चलाया जा रहा है।
महागठबंधन की मुश्किल यह है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ से जो सकारात्मक संदेश देना चाहा जा रहा था, वह अब इस विवाद से दब सकता है।
इतिहास बताता है कि चुनावी माहौल में नेताओं के विवादित बयान अक्सर नतीजों को पलट देते हैं।
2007 गुजरात में सोनिया गांधी का “मौत का सौदागर”, 2015 बिहार में मोदी का “DNA” बयान और 2022 गुजरात में खरगे का “रावण” बयान इसका उदाहरण हैं।
ऐसे में बिहार 2025 में महागठबंधन मंच से पीएम मोदी और उनकी मां पर अभद्र टिप्पणी का क्या असर होगा, यह आने वाले चुनाव परिणाम ही तय करेंगे। लेकिन इतना तय है कि यह विवाद अब सियासी बहस का केंद्र बन चुका है और भाजपा इसे चुनावी हथियार की तरह इस्तेमाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
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