
मोकामा विधानसभा सीट: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे मोकामा विधानसभा सीट एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। यह सीट हमेशा से बाहुबली नेताओं के दबदबे के लिए जानी जाती है। यहां के चुनाव केवल विकास बनाम मुद्दों पर नहीं, बल्कि सियासी हैसियत और पकड़ का भी इम्तिहान होते हैं।
मोकामा सीट का राजनीतिक इतिहास
- मोकामा विधानसभा सीट पटना जिले के अंतर्गत आती है और लंबे समय से इसे अनंत सिंह का गढ़ माना जाता रहा है।
- 2005 और 2010 में अनंत सिंह जदयू के टिकट पर चुनाव जीते।
- 2015 में उन्होंने निर्दलीय के रूप में जीत दर्ज की।
- 2020 में उन्होंने राजद के टिकट पर जीत हासिल की।
- यानी पिछले लगभग दो दशकों में मोकामा की राजनीति का नाम ही अनंत सिंह रहा है।
किस बाहुबली का रहा दबदबा?
- मोकामा का नाम आते ही सबसे पहले याद आते हैं अनंत सिंह, जिन्हें बिहार की राजनीति में ‘छोटे सरकार’ भी कहा जाता है।
- अनंत सिंह का इस सीट पर तीन दशक से असर रहा है।
- हालांकि, हाल के वर्षों में उन पर लगे आपराधिक मामलों और विधानसभा सदस्यता रद्द होने से समीकरण बदलने लगे हैं।
- इसके बावजूद उनकी पत्नी नीलम देवी की जीत ने यह साबित किया कि सिंह परिवार का दबदबा अभी भी कायम है।
पिछले 5 साल के चुनावी नतीजे
- 2015 विधानसभा चुनाव – अनंत सिंह (निर्दलीय) ने जीत दर्ज की।
- 2020 विधानसभा चुनाव – अनंत सिंह (राजद) ने एनडीए प्रत्याशी को हराया।
- 2022 उपचुनाव – अनंत सिंह की सदस्यता खत्म होने के बाद उनकी पत्नी नीलम देवी ने राजद के टिकट पर जीत दर्ज की और सीट को महागठबंधन के खाते में बरकरार रखा।
- इस तरह पिछले 5 साल में मोकामा की सियासत पूरी तरह से सिंह परिवार के इर्द-गिर्द घूमती रही है।
2025 के चुनावी समीकरण
2025 में मोकामा सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा।
महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-लेफ्ट) – यहां सिंह परिवार को आगे कर सकता है। नीलम देवी या अनंत सिंह समर्थित उम्मीदवार उतारे जाने की संभावना है।
NDA (BJP-JDU-HAM-VIP) – इस सीट को हर हाल में कब्जाने की रणनीति बना रहा है। भाजपा और जदयू दोनों ही मजबूत चेहरा तलाश रहे हैं, जो सिंह परिवार को चुनौती दे सके।
स्थानीय वोट बैंक – यादव, भूमिहार और अति पिछड़ी जातियों का समीकरण यहां निर्णायक भूमिका निभाता है। अनंत सिंह परंपरागत रूप से भूमिहार वोटरों पर पकड़ रखते हैं, जबकि राजद का यादव-मुस्लिम समीकरण उन्हें अतिरिक्त मजबूती देता है।
मोकामा विधानसभा सीट 2025 का चुनाव केवल एक सीट का मुकाबला नहीं होगा, बल्कि यह तय करेगा कि बाहुबली राजनीति बनाम संगठित राजनीतिक गठबंधन की जंग में कौन भारी पड़ता है। जहां एक तरफ सिंह परिवार अपनी परंपरागत पकड़ बचाने में जुटा है, वहीं एनडीए इस गढ़ को भेदने की तैयारी कर रहा है। इस बार मोकामा का चुनाव नतीजा राज्य की सियासत में बड़ा संदेश देने वाला होगा।
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