Bihar Chunav 2025: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, 30 सितंबर डेडलाइन के बाद भी मतदाता लिस्ट में होंगे संशोधन

Spread the love & Share it

Bihar Chunav 2025

Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच मतदाता सूची संशोधन को लेकर एक अहम फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि 30 सितंबर के बाद भी मतदाता अपने नाम जुड़वाने, सुधार कराने या आपत्तियां दर्ज करने का अधिकार रखेंगे। चुनाव आयोग ने अदालत में भरोसा दिलाया है कि प्रक्रिया नामांकन की अंतिम तारीख तक जारी रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

1 सितंबर को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की। अदालत ने नोट किया कि चुनाव आयोग ने खुद आश्वासन दिया है कि दावे और आपत्तियां अंतिम सूची बनने के बाद भी स्वीकार की जाएंगी।

कोर्ट ने यह भी कहा कि जिनका नाम ड्राफ्ट सूची में नहीं है, वे आधार या अन्य मान्य दस्तावेज़ों के साथ दावा कर सकते हैं। हालांकि अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि आधार की अहमियत वही रहेगी जो कानून में तय है, अदालत इसे बढ़ा नहीं सकती।

RJD की आपत्तियां और तर्क

इस मामले में RJD की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने दलील दी कि आयोग ने मतदाता पुन: पंजीकरण के लिए स्पष्ट नहीं किया कि कौन-कौन से कागज़ात मान्य होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कई जगह बूथ लेवल ऑफ़िसर्स (BLOs) ने खुद फॉर्म भर दिए, जबकि अधूरे दस्तावेज़ होने पर नोटिस मतदाताओं को भेजे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह पूरा अभ्यास आयोग की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है।

चुनाव आयोग का पक्ष

वहीं चुनाव आयोग की ओर से वकील राकेश द्विवेदी ने बताया कि अंतिम सूची 1 अक्टूबर को प्रकाशित होगी, लेकिन अगर किसी का नाम छूट गया तो वह नामांकन की आखिरी तारीख तक दावा दर्ज करा सकता है।
उन्होंने कहा जिन लोगों के नाम छूटे होंगे, वे नामांकन से पहले तक अपने दस्तावेज़ दिखाकर जुड़वा सकते हैं। SIR का शेड्यूल जारी रहेगा, लेकिन दावा-आपत्ति की प्रक्रिया समानांतर चलती रहेगी।

आयोग ने अदालत को यह भी जानकारी दी कि इस प्रक्रिया में 7.24 करोड़ लोग शामिल हुए और 99.5% मतदाताओं ने दस्तावेज़ पहले ही जमा कर दिए। चौंकाने वाली बात यह रही कि राजनीतिक दल और मतदाता नाम हटाने के लिए अधिक आवेदन कर रहे हैं, जोड़ने के बजाय।

हटाए गए नामों की लिस्ट सार्वजनिक

चुनाव आयोग ने बताया कि जिन लोगों के नाम सूची से हटाए गए हैं, उनकी जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारियों और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसके अलावा अखबारों में विज्ञापन देकर भी जनता को जानकारी दी गई है।

ALSO READ – Mahua Vidhan Sabha Seat: कभी ललन सिंह, कभी तेजप्रताप का भौकाल- अब 2025 में किसके हाथ जाएगी सत्ता?


Spread the love & Share it

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *