
Fake Passport New Rule: पासपोर्ट या वीजा की जालसाजी करने पर भारत में अब सात साल तक जेल की कड़ी सजा मिलेगी। विदेशियों व आव्रजन से जुड़े मामलों को नियंत्रित करने वाला कानून सोमवार से लागू हो गया।
आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम, 2025 के अनुसार, जो कोई भी जानबूझकर भारत में प्रवेश करने, देश में रहने या देश से बाहर जाने के लिए जाली या धोखाधड़ी से प्राप्त पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज या वीजा का उपयोग करता है, तो उसे कम से कम दो वर्ष की सजा दी जाएगी। यह सजा सात वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है।
न्यूनतम एक लाख एवं अधिकतम 10 लाख जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। जाली पासपोर्ट या वीजा देने वालों को भी सजा भुगतनी होगी। विधेयक को बजट सत्र में संसद ने मंजूरी दी थी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चार अप्रैल को हस्ताक्षर किए थे।
गृह मंत्रालय ने इसे लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। यह कानून केंद्र सरकार को उन स्थानों पर नियंत्रण का अधिकार देता है, जहां विदेशियों का अक्सर आना-जाना है।
कानून के तहत केंद्र को ऐसे स्थानों के मालिकों को परिसर बंद करने, निर्दिष्ट शर्तों के तहत उपयोग की अनुमति देने, या सभी या निर्दिष्ट वर्ग के विदेशियों को प्रवेश देने से मना करने का अधिकार दिया गया है। कोई भी विदेशी वैध यात्रा दस्तावेज के बिना भारत आता है, तो उसे पांच वर्ष तक की कैद या पांच लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
होटलों, अस्पतालों को देनी होगी विदेशियों की जानकारी
कानून के तहत होटलों, विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों व नर्सिंग होम के लिए अब विदेशियों के बारे में जानकारी देना अनिवार्य है, ताकि तय अवधि से ज्यादा ठहरने वाले विदेशियों पर नजर रखी जा सके। सभी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस और जहाजों को विदेशी यात्रियों या चालक दल में मौजूद विदेशी सदस्यों की जानकारी अधिकारियों को देनी होगी।
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