
Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) नज़दीक आते ही राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। एनडीए (NDA) के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर मचे घमासान के बीच अब सियासत का सबसे बड़ा सिरदर्द बन चुके हैं—लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान। एक ओर उनकी पार्टी एलजेपीआर (LJPR) खुलकर यह मांग कर रही है कि या तो उन्हें NDA का सीएम फेस घोषित किया जाए, वरना सीट बंटवारे में कम से कम 43 सीटें दी जाएं। दूसरी ओर, चिराग के आक्रामक तेवर ने भाजपा (BJP) और जेडीयू (JDU) की नींद उड़ा दी है।
इसी बीच, मुजफ्फरपुर के MIT इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में आयोजित एलजेपीआर की “नव-संकल्प महासभा” से एक बड़ी खबर सामने आई। यहां आयोजित विशाल जनसभा में गगनभेदी नारे लगे—
“बिहार का सीएम कैसा हो—चिराग पासवान जैसा हो।”
चिराग का नया MY समीकरण
अपने जोशीले भाषण में चिराग पासवान ने एनडीए और विपक्ष दोनों को सीधी चुनौती दी। उन्होंने जनता के सामने अपना ‘MY समीकरण’ समझाते हुए कहा— हमारा M का मतलब महिला है और Y का मतलब युवा है। जबकि आरजेडी (RJD) का MY समीकरण पूरी तरह जाति और धर्म आधारित है—जहां M का मतलब मुसलमान और Y का मतलब यादव है।
चिराग ने दावा किया कि उनकी राजनीति जात-पात और धर्म से ऊपर है। उनका विजन है—“बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट।” उन्होंने कहा कि यह चुनाव महिलाओं, युवाओं, किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों और नई पीढ़ी के भविष्य का चुनाव है।
243 सीटों पर लड़ाई का ऐलान
चिराग पासवान ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उनका फोकस शिक्षा, रोजगार, बढ़ते अपराध, भ्रष्टाचार और गिरती व्यवस्था पर रहेगा। उन्होंने जनता से वादा किया कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह बिहार को पिछड़ेपन से निकालकर विकसित राज्य बनाएंगे।
एलजेपीआर सांसदों ने किया सीएम उम्मीदवार घोषित
चिराग की इस सभा में एलजेपीआर सांसदों ने भी उन्हें बिहार का भविष्य का सीएम घोषित कर दिया।
वैशाली की सांसद वीणा देवी ने कहा— “चिराग के नेतृत्व में बिहार में शिक्षा और रोजगार का सुनहरा भविष्य बनेगा।”
खगड़िया सांसद राजेश वर्मा ने जोड़ा— “NDA को बिहार की कमान चिराग को सौंपनी चाहिए।”
समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी ने कहा— “बिहार अब युवा नेतृत्व चाहता है, और इसके लिए चिराग पासवान सबसे उपयुक्त चेहरा हैं।”
सिर्फ सांसद ही नहीं, बल्कि चुलबुल शाही, कोमल सिंह और रामा किशोर सिंह जैसे बड़े नेताओं ने भी चिराग को मुख्यमंत्री बनाने की खुलकर वकालत की।
NDA में गहराता संकट?
अब बड़ा सवाल यही है-
- क्या बीजेपी और जेडीयू, चिराग पासवान की इस बगावत को रोक पाएंगे?
- क्या चिराग NDA से अलग होकर 2025 में वैसा ही धमाका करेंगे, जैसा उन्होंने 2020 में किया था?
- या फिर NDA को उन्हें सीएम फेस मानने पर मजबूर होना पड़ेगा?
फिलहाल, इतना साफ है कि बिहार की सियासत में चिराग पासवान का ‘नव-संकल्प महासभा’ NDA के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर गया है और 2025 का चुनाव उनके बिना सोचना नामुमकिन लगता है।
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