Bihar Election 2025: गाली का घाव और बीड़ी की तुलना बनी कांग्रेस की नई मुसीबत, NDA के लिए वरदान

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Bihar Election 2025

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 धीरे-धीरे नज़दीक आते जा रहे हैं और इस बीच सियासी बयानबाज़ी ने नया मोड़ ले लिया है। हाल ही में कांग्रेस नेताओं के दो विवादित बयानों ने पूरे बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है। पहला मामला—प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां को लेकर की गई अभद्र टिप्पणी का है, जबकि दूसरा मामला—केरल कांग्रेस द्वारा बिहार की तुलना ‘बीड़ी’ से करने का है।

दोनों ही मुद्दे बेहद संवेदनशील हैं। एक ओर “मां के सम्मान” से जुड़ा मामला है, तो दूसरी ओर “बिहार की अस्मिता” से जुड़ा हुआ है। और भारतीय राजनीति में यह सर्वविदित है कि भावनात्मक मुद्दे अक्सर चुनावी हवा की दिशा बदल देते हैं।

‘गाली’ और ‘बीड़ी’ ने बदली राजनीति की हवा

2015 का उदाहरण अभी भी ताज़ा है, जब मोहन भागवत के आरक्षण पर दिए बयान ने चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल दिए थे। इसी तरह, नीतीश कुमार के DNA पर टिप्पणी भी भाजपा को भारी पड़ी थी। अब 2025 के चुनाव से पहले कांग्रेस की इन गलतियों ने फिर NDA के लिए एक बड़ा मुद्दा थमा दिया है।

प्रधानमंत्री मोदी जब जनता से यह सवाल पूछते हैं कि “मेरी मां राजनीति में नहीं थीं, वो अब इस दुनिया में भी नहीं हैं, फिर उन्हें क्यों गाली दी गई?” तो यह सवाल लोगों के दिलों को सीधा छू जाता है। वहीं, बिहार की तुलना बीड़ी से करना भी कांग्रेस के लिए आत्मघाती साबित हो रहा है।

कांग्रेस के लिए दोहरी चुनौती

केरल कांग्रेस का बयान सीधे-सीधे बिहार के गौरव और अस्मिता पर प्रहार माना जा रहा है। इससे न सिर्फ भाजपा और NDA को भावनात्मक बढ़त मिल रही है, बल्कि महागठबंधन के लिए मुश्किलें भी खड़ी हो गई हैं। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को इस विवाद का जवाब देना आसान नहीं होगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि—”गाली का घाव और बीड़ी की तुलना” कांग्रेस के लिए वैसी ही भूल साबित हो सकती है जैसी 2015 में आरक्षण और DNA बयान भाजपा के लिए बनी थी।

NDA के लिए ‘वरदान’ साबित हो सकता है विवाद

अब यह तय माना जा रहा है कि आगामी बिहार चुनाव में NDA इस मुद्दे को पूरी ताक़त से भुनाएगा। “मां के सम्मान” और “बिहार की अस्मिता” दोनों ऐसे भावनात्मक पहलू हैं, जिनके असर से चुनावी हवा आसानी से पलट सकती है।

बिहार चुनाव 2025 अब सिर्फ विकास और गठबंधन की राजनीति पर ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के इन विवादित बयानों पर भी निर्भर करेगा। “गाली” से उपजा गुस्सा और “बीड़ी” से निकली चिंगारी, NDA के लिए वोटों की लहर बन सकती है।

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