Chandra Grahan 2025: सूतक काल में क्या करें और क्या नहीं? कौन सी राशि पर पड़ेगा असर, जानिए सबकुछ

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Chandra Grahan 2025

Chandra Grahan 2025: भाद्रपद पूर्णिमा की रात यानी 7 सितंबर 2025 को भारत सहित कई देशों में साल का सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण देखा जाएगा। इस खगोलीय घटना का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व बहुत अधिक है क्योंकि यह श्राद्ध पक्ष के आरंभ से भी जुड़ा है। ग्रहण का सूतक काल दोपहर से ही शुरू हो चुका है और अब लोगों की निगाहें रात को लगने वाले इस खगोलीय नजारे पर हैं।

भारत के दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, जयपुर, कोलकाता, चेन्नई, भोपाल और बेंगलुरु सहित बड़े शहरों में यह ग्रहण स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।

कब और कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण?

  • ग्रहण शुरू: 7 सितंबर, रात 9:56 बजे
  • पूर्ण चंद्र ग्रहण (मध्य काल): 11:41 बजे
  • समाप्त: 8 सितंबर, सुबह 1:26 बजे
  • दिखेगा: एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका और हिंद महासागर क्षेत्र सहित भारत में।

ग्रहण के दौरान क्या करें?

  • ग्रहण और सूतक खत्म होने के बाद स्नान कर साफ कपड़े पहनें।
  • घर और मंदिर की सफाई करें और भगवान की पूजा करें।
  • इष्ट देव का नाम जपें, इससे मन शांत और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
  • ग्रहण के बाद दान करना शुभ माना जाता है। राशि अनुसार वस्तुओं का दान करें।

ग्रहण के दौरान क्या न करें?

  • भोजन पकाना और खाना वर्जित है। (जरूरी हो तो खाने में तुलसी/कुशा पत्ती डालें)
  • पूजा-पाठ और दान-पुण्य से बचें।
  • सोने से बचें।
  • गर्भवती महिलाएं नुकीली वस्तुओं का प्रयोग न करें।

सूतक काल का प्रभाव

  • ग्रहण से 9 घंटे पहले यानी दोपहर 12:57 बजे से सूतक काल शुरू।
  • इस दौरान धार्मिक कार्य वर्जित।
  • बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों पर सूतक के नियम लागू नहीं।

राशि अनुसार दान का महत्व

मेष: लाल मसूर

वृषभ: दूध या चावल

मिथुन: हरे कपड़े

कर्क: मिश्री मिला दूध

सिंह: गुड़

कन्या: हरी मूंग

तुला: दूध, चावल, घी

वृश्चिक: लाल वस्तुएं

धनु: किसी भी प्रकार की दाल

मकर: काले तिल

कुंभ: काले तिल और तेल

मीन: हल्दी

किन राशियों पर पड़ेगा असर?

  • ग्रहण कुंभ राशि में लग रहा है।
  • वृषभ, तुला और कुंभ राशि वालों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानी
  • ग्रहण के दौरान नुकीली वस्तुओं (कैंची, सुई, चाकू) का प्रयोग न करें।
  • इस दौरान आराम करें और पूजा-पाठ या घर से बाहर जाने से बचें।

यह चंद्र ग्रहण केवल खगोलीय घटना ही नहीं बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण अवसर है। सही समय पर स्नान, दान और पूजा करने से ग्रहण दोष दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। वैज्ञानिक पुष्टि हेतु विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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