
Amroha News: सोशल मीडिया को अक्सर लोग नुकसानदायक मानते हैं, लेकिन जब इसका इस्तेमाल सकारात्मक सोच के साथ किया जाए, तो यह किसी की जिंदगी बदल भी सकता है। अमरोहा में ऐसी ही एक भावुक और प्रेरणादायक कहानी सामने आई है, जहां एक सिपाही की संवेदनशीलता और सोशल मीडिया की ताकत ने दस साल से बिछड़े मां-बेटे को फिर से मिला दिया।
सिपाही अश्वनी कुमार की मानवता बनी मिसाल
अमरोहा पुलिस कार्यालय की रिट सेल में तैनात मुख्य आरक्षी अश्वनी कुमार सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। उनके इंस्टाग्राम पर करीब 45 लाख फॉलोअर्स हैं और वे अक्सर मदद से जुड़ी वीडियो अपलोड करते हैं। इसी क्रम में 23 अगस्त को वे ड्यूटी खत्म कर घर लौट रहे थे। तभी सड़क किनारे उन्हें एक लावारिस हालत में बैठे शख्स दिखे।
सिपाही अश्वनी ने उनसे बातचीत की कोशिश की। शख्स ने अपना नाम सलीम बताया, लेकिन मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण परिवार और घर का पता नहीं बता पाए। सिपाही ने उन्हें भोजन कराया और नए कपड़े दिलाए।
सोशल मीडिया बना जीवन बदलने का जरिया
इसके बाद सिपाही अश्वनी कुमार ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए सलीम की मदद का एक वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर कर दिया। वीडियो तेजी से वायरल हुआ और देखते ही देखते सलीम के परिवार तक भी पहुंच गया।
10 साल बाद मां-बेटे का मिलन
वीडियो देखते ही परिजनों ने सलीम को पहचान लिया और तुरंत अश्वनी कुमार से संपर्क किया। परिजनों ने पहले वीडियो कॉल के जरिए सलीम से बात की। लंबे अरसे बाद बेटे को देखकर मां की आंखों से आंसू छलक पड़े। इसके बाद बुजुर्ग मां बेटे को लेने पुलिस ऑफिस पहुंचीं।
पुलिस और सिपाही को मिला आशीर्वाद
परिवार से मिलकर सलीम बेहद खुश नजर आए। मां ने भावुक होकर बेटे को गले लगाया और अमरोहा पुलिस के एसपी अमित कुमार आनंद और सिपाही अश्वनी कुमार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह मिलन सिर्फ अश्वनी की संवेदनशीलता और सोशल मीडिया की ताकत से ही संभव हो पाया है।
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