
Bihar Election 2025: बिहार में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। खासकर पटना और वैशाली जिले का इलाका भारी जलजमाव और तबाही झेल रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का विधानसभा क्षेत्र राघोपुर भी इस आपदा से अछूता नहीं है। ऐसे में लालू परिवार से अलग हो चुके और राजद से बाहर किए गए तेज प्रताप यादव यहां पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर राहत सामग्री बांटी। इस दौरान उन्होंने अपने छोटे भाई और राघोपुर के विधायक तेजस्वी यादव पर व्यंग्यात्मक तंज कसते हुए कहा – “सरकार फेल है, विधायक भी फेल है…नाच रहा है, गा रहा है।”
नाव से पहुंचे बाढ़ पीड़ितों के बीच
तेज प्रताप यादव बाढ़ प्रभावित बिदुपुर इलाके में नाव से पहुंचे। यहां उन्होंने पीड़ित परिवारों से बातचीत की और उनके बीच चावल, दाल जैसी राहत सामग्री बांटी। राहत सामग्री लेने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण नाव के चारों ओर जुट गए। इसी बीच तेज प्रताप का गुस्सा फूटा और उन्होंने सरकार के साथ-साथ तेजस्वी यादव पर भी निशाना साध दिया।
महिला से पूछा – मदद मिल रही है या नहीं?
दौरे के दौरान तेज प्रताप एक महिला के घर भी पहुंचे। उन्होंने वहां सीधे सवाल दागा – “मदद मिल रही है कि नहीं? सरकार आई है क्या आपके पास? विधायक आ रहे हैं मदद करने?” महिला ने अपनी व्यथा सुनाई तो तेज प्रताप ने मौके पर ही कैमरे के सामने कहा – “सरकार पूरी तरह फेल है। विधायक भी फेल है, बस नाच-गाना कर रहे हैं।”
पहले भी कर चुके हैं व्यंग्य
यह पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई पर तंज कसा हो। कभी तेजस्वी को अर्जुन और खुद को कृष्ण बताने वाले तेज प्रताप कुछ दिन पहले जहानाबाद में भी भड़के थे। उस समय सभा में “अबकी बार तेजस्वी सरकार” के नारे लगे तो उन्होंने मंच से ही कहा था – “सरकार जनता की होती है, किसी व्यक्ति विशेष की नहीं।”
महुआ से लड़ेंगे चुनाव
तेजस्वी के क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों के बीच तेज प्रताप की मौजूदगी को सियासी हलकों में बड़ा संकेत माना जा रहा है। इस बार वह समस्तीपुर के हसनपुर से नहीं, बल्कि महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। वह जनशक्ति जनता दल (JJD) के उम्मीदवार होंगे, जो उनके करीबी बालेंद्र दास ने बनाई है और जिसे चुनाव आयोग से मान्यता भी मिल चुकी है।
बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत बांटते हुए तेज प्रताप का यह बयान न सिर्फ तेजस्वी यादव पर सीधा हमला है, बल्कि बिहार की सियासत में नए समीकरणों की ओर भी इशारा करता है। राघोपुर में उनके इस दौरे के बाद चर्चा गर्म है कि क्या बाढ़ राहत से ज्यादा यहां सियासी संदेश देने की कोशिश की गई है।
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