
Varanasi News: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने वाराणसी में वकीलों और पुलिस के बीच लगातार बढ़ते विवाद को लेकर भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह केवल प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि भाजपा सरकार की संवेदनहीनता का जीता-जागता प्रमाण है।
वकील और पुलिस आमने-सामने, सरकार मूकदर्शक
अजय राय ने कहा कि वकील और पुलिस समाज के दो अहम स्तंभ हैं। लेकिन आज दोनों आमने-सामने खड़े हैं और सरकार सिर्फ मूकदर्शक बन तमाशा देख रही है। यह लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था दोनों के लिए खतरनाक संकेत है।
लोकतंत्र पर हमला है वकीलों पर अन्याय
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “वकील केवल पेशेवर लोग नहीं, बल्कि समाज में न्याय और संविधान की रक्षा करने वाले प्रहरी हैं। जब वही वकील अन्याय और उत्पीड़न का शिकार होते हैं तो यह पूरे लोकतंत्र पर हमला है।”
सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप
उन्होंने आऱोप लगाया कि सरकार की संवेदनहीनता के कारण ही स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। काशी के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए अजय राय ने पूछा कि – क्या वाराणसी के वकीलों का दर्द उन्हें दिखाई नहीं देता?
तत्काल हस्तक्षेप और संवाद की मांग
अजय राय ने मांग की कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तत्काल हस्तक्षेप करें और वकीलों की सुरक्षा एवं सम्मान की गारंटी दें। साथ ही प्रशासन, न्यायिक अधिकारी और वकील समुदाय के बीच संवाद स्थापित किया जाए ताकि टकराव की जड़ को पहचानकर स्थायी समाधान निकाला जा सके।
संयम और संवैधानिक प्रक्रिया की अपील
उन्होंने कहा कि प्रतिशोध की राजनीति से समस्या का समाधान संभव नहीं है। समस्याओं का निवारण केवल न्यायिक मंचों और वैधानिक प्रक्रियाओं के माध्यम से ही होना चाहिए। अजय राय ने सभी पक्षों से अपील की कि वे विधि-व्यवस्था, संयम और संवैधानिक सीमाओं का पालन करें।
जनता और वकीलों की समस्याएं भाजपा की प्राथमिकता नहीं
अजय राय ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार की प्राथमिकता जनता और वकीलों की समस्याएं नहीं, बल्कि केवल अपनी सत्ता बचाना है। यही वजह है कि आज वाराणसी जैसे संवेदनशील शहर में वकील और पुलिस आमने-सामने हैं और लोकतंत्र की बुनियाद हिल रही है।
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