
Bihar Election 2025: बिहार की 243 विधानसभा सीटों में एक ऐसा विधानसभा सीट भी है, जो मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। इस सीट का गठन 1951 में हुआ था और 1952 के पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कपिल देव नारायण सिंह यहां से पहले विधायक बने। शुरुआती तीन चुनावों में कांग्रेस ने यहां लगातार जीत दर्ज की, लेकिन 1985 के बाद से कांग्रेस इस सीट से लगभग गायब हो गई। फिलहाल इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। आइये जानते हैं कौन सी है वो सीट।
कुढ़नी सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कब्जा है और विधायक हैं केदार प्रसाद गुप्ता, जो राज्य सरकार में पंचायती राज मंत्री भी हैं।
अब भाजपा बनाम RJD की जंग
1952 और 1957 के चुनाव में कपिल देव नारायण सिंह ने कांग्रेस का झंडा बुलंद किया। 1962 में राम गुलाम चौधरी और 1967 में कृष्ण नंदन सहाय (कांग्रेस) ने जीत दर्ज की। लेकिन 1969 के उपचुनाव से इस सीट की तस्वीर बदलनी शुरू हुई। उस चुनाव में साधु शरण शाही (प्रज्ञा सोशलिस्ट पार्टी) विजेता बने और 1980 तक उन्होंने सीट पर पकड़ बनाए रखी।
1985 में एक बार फिर कांग्रेस सत्ता में लौटी, लेकिन उसके बाद कांग्रेस कभी इस सीट पर जीत नहीं पाई। तब से यहां की राजनीति मुख्य रूप से भाजपा और आरजेडी के बीच सिमट गई है।
कुढ़नी विधानसभा चुनाव 2020
2020 के चुनाव में आरजेडी उम्मीदवार अनिल सहनी ने भाजपा के केदार गुप्ता को सिर्फ 712 मतों से हराकर सीट छीन ली।
परिणाम (2020):
- आरजेडी – अनिल सहनी: 78,549 वोट
- बीजेपी – केदार गुप्ता: 77,837 वोट
- आरएलएसपी – राम बाबू सिंह: 10,041 वोट
बाद में अनिल साहनी पर राज्यसभा कार्यकाल के दौरान एलटीसी घोटाले का आरोप साबित हुआ और उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई।
कुढ़नी उपचुनाव 2022
सदस्यता रद्द होने के बाद दिसंबर 2022 में उपचुनाव हुए, जिसमें भाजपा उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता ने जेडीयू के मनोज कुशवाहा को मात दी।
परिणाम (2022 उपचुनाव):
बीजेपी – केदार गुप्ता: 76,722 वोट
जेडीयू – मनोज कुशवाहा: 73,073 वोट
वीआईपी – नीलाभ कुमार: 10,000 वोट
इस जीत के बाद भाजपा ने न केवल सीट पर कब्जा किया बल्कि केदार गुप्ता को मंत्री पद भी दिया।
2025 का चुनाव: त्रिकोणीय मुकाबले की तैयारी
2025 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और आरजेडी के बीच सीधी टक्कर तो है ही, लेकिन इस बार जन सुराज पार्टी भी पूरी ताकत झोंक रही है। चुनावी समीकरण इस बार दिलचस्प रहेंगे क्योंकि- भाजपा और जेडीयू अब फिर से एनडीए में साथ हैं। आरजेडी महागठबंधन के साथ अपनी पकड़ बनाए रखना चाहती है। जन सुराज पार्टी नए समीकरण गढ़ने का दावा कर रही है।
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