Bihar Chunav 2025: रोहिणी-तेजप्रताप की बगावत से हिल गई RJD, चुनाव से पहले तेजस्वी की बढ़ी मुश्किलें

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Bihar Chunav 2025

Bihar Chunav 2025: बिहार की सियासत में इन दिनों सबसे बड़ा मुद्दा लालू प्रसाद यादव के परिवार की अंदरूनी कलह बन चुका है। पहले तेजप्रताप यादव और अब उनकी बहन रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया के जरिए बगावत का बिगुल फूंक दिया है। यह घटनाक्रम उसी तरह का प्रतीत हो रहा है, जैसा कुछ साल पहले समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव के परिवार के भीतर देखने को मिला था। उस समय अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच टकराव ने पार्टी की सियासत को गहरा नुकसान पहुंचाया था। अब यही हाल RJD में तेजस्वी यादव की राह में रोड़ा बनता दिख रहा है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

तेजस्वी यादव के करीबी और राजनीतिक सलाहकार संजय यादव इस पूरे विवाद के केंद्र में हैं। दरअसल, हाल ही में तेजस्वी की “बिहार अधिकार यात्रा” के दौरान एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें संजय यादव को बस की फ्रंट सीट पर बैठे देखा गया। यह सीट आमतौर पर लालू प्रसाद यादव या तेजस्वी यादव जैसे शीर्ष नेताओं के लिए सुरक्षित मानी जाती है। तस्वीर सामने आने के बाद रोहिणी आचार्य ने फेसबुक पोस्ट के जरिए नाराजगी जाहिर की और लिखा कि फ्रंट सीट पर लालू जी और तेजस्वी यादव को देखना स्वीकार्य है, किसी और को नहीं।

रोहिणी का बड़ा कदम

इस विवाद के बाद रोहिणी आचार्य ने अपने X (ट्विटर) अकाउंट से पार्टी और परिवार के कई सदस्यों को अनफॉलो कर दिया। उन्होंने यह भी साफ किया कि उनकी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है, लेकिन उनका यह कदम परिवार और पार्टी के भीतर गहरी खाई को उजागर करता है।

तेजप्रताप यादव का समर्थन

बड़े भाई तेजप्रताप यादव पहले से ही संजय यादव पर निशाना साधते रहे हैं। उन्होंने कई बार उन्हें “जयचंद” तक कहा है। इस बार भी वे खुलकर अपनी बहन रोहिणी के समर्थन में आ गए। तेजप्रताप ने कहा कि जो उनकी बहन का अपमान करेगा, उस पर भगवान कृष्ण का “सुदर्शन चक्र” चलेगा। उनका यह बयान परिवारिक विवाद को और ज्यादा उभार गया।

तेजस्वी की चुप्पी पर सवाल

सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस पूरे विवाद पर तेजस्वी यादव ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। उनके समर्थकों का कहना है कि वे चुनावी रणनीति में व्यस्त हैं, लेकिन विरोधियों और यहां तक कि RJD के भीतर भी यह सवाल उठ रहा है कि क्या तेजस्वी अपने ही परिवार से दूर होते जा रहे हैं।

क्या RJD को होगा नुकसान?

बिहार की राजनीति में परिवारवाद नई बात नहीं है। लेकिन जिस तरह से यह विवाद सार्वजनिक हुआ है, उसने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच असमंजस पैदा कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर हालात नहीं संभले तो RJD को आगामी विधानसभा चुनावों में नुकसान उठाना पड़ सकता है। NDA खेमे ने भी इस मुद्दे को भुनाने की तैयारी शुरू कर दी है।

मुलायम परिवार जैसी स्थिति?

लालू परिवार में छिड़ी यह कलह समाजवादी पार्टी के उस दौर की याद दिलाती है, जब शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच विवाद हुआ था। तब सपा का चुनावी प्रदर्शन प्रभावित हुआ था। अब यही सवाल उठ रहा है कि क्या RJD भी उसी राह पर जा रही है? क्या तेजप्रताप और रोहिणी की नाराजगी तेजस्वी की नैया डुबो देगी?

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