
Chandauli News: चंदौली के सैयदराजा थाने में तैनात कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र यादव को पुलिस ने सोमवार को पशु तस्करों से मिलीभगत और रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि धर्मेंद्र यादव लंबे समय से पशु तस्करों से मोटी रकम वसूल रहा था और इस संबंध में उसके बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के प्रमाण भी मिले हैं।
जांच में खुली काली कमाई
मामले की शुरुआत तब हुई जब स्थानीय स्तर पर पुलिस कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आईं। सैयदराजा थाने में तैनात धर्मेंद्र यादव का नाम सामने आने के बाद विभागीय जांच के आदेश दिए गए। जांच में पाया गया कि धर्मेंद्र यादव पशु तस्करों से मोटी रकम वसूलता था। जांच रिपोर्ट में बताया गया कि यह रकम ऑनलाइन माध्यम से ली गई थी, जिसकी ट्रांजेक्शन डिटेल पुलिस के पास मौजूद है।
जांच अधिकारियों ने पूरी रिपोर्ट एसपी आदित्य लांघे को सौंपी। रिपोर्ट के आधार पर सोमवार को पुलिस टीम ने धर्मेंद्र यादव को सैयदराजा से हिरासत में लेकर मेडिकल परीक्षण कराया और बाद में उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।
एएसपी अनंत चंद्रशेखर ने पुष्टि की है कि, कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र यादव को भ्रष्टाचार और पशु तस्करों से अवैध लेन-देन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बड़े भाई पर भी भ्रष्टाचार का आऱोप
इस मामले को और चौंकाने वाला तब कहा जा रहा है जब पता चला कि धर्मेंद्र यादव का बड़ा भाई सत्येंद्र यादव, जो खुद चंदौली जिले के चकराघट्टा थाने में तैनात है, पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहा है। सत्येंद्र यादव पर भी एक साल पहले सैयदराजा थाने में पशु तस्करों से पैसे वसूलने और संरक्षण देने का मामला दर्ज हुआ था। वह इस समय हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर लेकर ड्यूटी पर बना हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक, दोनों भाइयों ने मिलकर तस्करी से जुड़ी एक अवैध नेटवर्किंग चेन तैयार की थी, जिसके तहत लाखों रुपये की वसूली की जाती थी। विभागीय जांच अब दोनों भाइयों के कथित गठजोड़ की परतें खोलने में जुटी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि विभागीय जांच और निगरानी पहले सख्ती से होती, तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता था।
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