
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में एक तरफ ‘MY यानी मुस्लिम-यादव समीकरण’ को प्राथमिकता दी गई है, वहीं दूसरी ओर परिवारवाद की छाप भी साफ नजर आ रही है। तेजस्वी यादव ने अब तक करीब 84 उम्मीदवारों को सिंबल सौंप दिया है, जबकि 35 सीटों की सूची सार्वजनिक की गई है। दिलचस्प बात यह है कि—इनमें कई सीटें ऐसी हैं, जो पिछली बार महागठबंधन के अन्य सहयोगी दलों के खाते में थीं।
MY समीकरण पर पूरा भरोसा
RJD की इस लिस्ट में तेजस्वी यादव ने अपने पारंपरिक वोटबैंक मुस्लिम और यादव समुदाय को प्राथमिकता दी है। 35 प्रत्याशियों में 18 यादव, 3 मुस्लिम, 4 अनुसूचित जाति (SC) और 4-4 प्रत्याशी अतिपिछड़ा व सामान्य वर्ग से हैं। इससे साफ है कि RJD ने चुनावी रणनीति में ‘MY कार्ड’ को दोबारा आजमाने का फैसला किया है।
पुराने चेहरों और विधायकों को दोबारा मौका
इस बार की सूची (Bihar Election 2025) में 22 मौजूदा विधायकों को दोबारा टिकट दिया गया है। वहीं, दो सीटों पर विधायकों के बेटों को उम्मीदवार बनाया गया है। सीवान के बाहुबली नेता दिवंगत शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा साहेब को रघुनाथपुर से टिकट दिया गया है।
बेलागंज सीट से पूर्व मंत्री सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ यादव को फिर मौका मिला है।
हसनपुर सीट, जहां पहले तेजप्रताप यादव उम्मीदवार थे, अब माला पुष्पम के हिस्से आई है।
परिवारवाद की झलक हर मोड़ पर
RJD की पहली सूची में राजनीतिक परिवारों का बोलबाला साफ दिख रहा है – बनियापुर से चांदनी सिंह, पूर्व विधायक अशोक सिंह की पत्नी हैं। संदेश सीट से दीपू यादव, मौजूदा विधायक किरण देवी के बेटे हैं। मुंगेर से मुकेश यादव, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी अर्चना कुमारी के पति हैं। हसनपुर से माला पुष्पम, पूर्व विधायक सुनील कुमार पुष्पम की पत्नी हैं।
नए चेहरों को भी मिला मौका
RJD ने इस लिस्ट में 6 नए चेहरों को भी मौका दिया है।
- बोचहां से अमर पासवान
- पारू से शंकर यादव
- संदेश से दीपू यादव
- हसनपुर से माला पुष्पम
इन उम्मीदवारों को पार्टी ने नए सामाजिक समीकरण साधने के लिए उतारा है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो RJD की यह लिस्ट दो साफ संदेश देती है ‘MY फैक्टर’ को एकजुट रखो, परिवारवाद को भी बचाओ और प्रचार में उपयोग करो। यानी तेजस्वी यादव ने जहां एक ओर अपने कोर वोट बैंक को साधने की कोशिश की है, वहीं परिवारवाद को ताकत में बदलने की रणनीति भी अपनाई है।
RJD की पहली सूची सिर्फ टिकट वितरण नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश है — कि पार्टी अपने पुराने समीकरणों के साथ नई पीढ़ी के चेहरों को भी मंच दे रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि ‘MY और परिवारवाद का यह कॉम्बो’ 2025 के रण में कितना असर दिखाता है।
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