
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नेपाल में हुई हिंसा ने सीमावर्ती इलाकों की राजनीति में हलचल मचा दी है। नेपाल की ताजा अस्थिरता का सीधा असर बिहार के सात जिलों की 21 विधानसभा सीटों पर पड़ सकता है। ये जिले हैं- पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, सुपौल, अररिया, किशनगंज और मधुबनी।
याद दिला दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में इन 21 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 11 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, जदयू को 5, राजद को 3, माले को 1 और AIMIM को 1 सीट मिली थी। खास बात यह रही कि भाजपा ने जितनी सीटों पर चुनाव लड़ा, सभी पर जीत दर्ज कर 100% स्ट्राइक रेट बनाया।
नेपाल हिंसा का असर सीमावर्ती बिहार पर
नेपाल में बीते दिनों हुई हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता ने सीमा से लगे बिहार के बाजारों, व्यापार और आम जीवन को गहराई से प्रभावित किया है।
रक्सौल बाजार, जो बिहार का सबसे बड़ा सीमावर्ती व्यापारिक केंद्र है, पूरी तरह ठप है।
यहां दुकानदार अशोक श्रीवास्तव बताते हैं कि- पांच दिन से दुकान में एक भी बोहनी नहीं हुई। पहले रोज़ 40 हजार तक की बिक्री होती थी, लेकिन अब 1 रुपया कमाना भी मुश्किल है। नेपाल से आने वाले हजारों लोगों की आवाजाही लगभग बंद है। व्यापार, परिवार और रोजगार पर इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है।
राजनीतिक दलों की रणनीति पर असर
चुनाव से पहले इन हालातों ने राजनीतिक दलों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
भाजपा – सीमावर्ती जिलों में सक्रिय, प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि सरकार की प्राथमिकता सुरक्षा कायम रखना है।
राजद – प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि सरकार को व्यापारियों को मदद देनी चाहिए और रोजगार सुनिश्चित करना चाहिए।
जदयू और अन्य दल – अपने-अपने स्तर पर सीमावर्ती जनता को साधने की कवायद में जुटे हुए हैं।
जनता की चिंता और मांग
इन जिलों के लोग फिलहाल सरकार से नाराज नहीं हैं, लेकिन वे स्थानीय स्तर पर रोजगार और पुख्ता सुरक्षा इंतजाम की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक नेपाल से आवागमन और व्यापार सामान्य नहीं होगा, तब तक उनकी जीविका संकट में बनी रहेगी।
2020 का चुनावी गणित
- BJP – 11 सीट (100% स्ट्राइक रेट)
- JDU – 5 सीट
- RJD – 3 सीट
- CPI-ML – 1 सीट
- AIMIM – 1 सीट
2025 चुनावी सवाल
अब बड़ा सवाल यह है कि- क्या नेपाल हिंसा से प्रभावित सात जिलों के मतदाता इस बार NDA सरकार से नाराजगी जताएंगे?
या फिर BJP और जदयू यहां अपना पुराना रिकॉर्ड दोहराने में सफल होंगे? इन सवालों के जवाब चुनावी नतीजे ही देंगे, लेकिन इतना तय है कि नेपाल की हिंसा और अस्थिरता ने बिहार चुनावी राजनीति में एक नया ट्विस्ट जरूर जोड़ दिया है।