
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए (NDA) में सीट शेयरिंग को लेकर घमासान तेज हो गया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) के सुप्रीमो चिराग पासवान गठबंधन में सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। चिराग पासवान उन 5 विधानसभा सीटों पर जोर दे रहे हैं, जहां से उनकी पार्टी लोजपा(आर) के प्रत्याशियों की जीत की संभावना सबसे ज्यादा बताई जा रही है।
चिराग की रणनीति: सीट से ज्यादा नेताओं का दबदबा
एनडीए में यह विवाद महज सीटों की संख्या पर नहीं है, बल्कि चिराग पासवान अपने भरोसेमंद और कद्दावर नेताओं को उनकी पसंदीदा सीट से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। यही कारण है कि एनडीए की अन्य सहयोगी पार्टियों को इन 5 सीटों पर अपने दावे छोड़ने होंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो सीट शेयरिंग का यह पेंच गठबंधन की एकता पर असर डाल सकता है।
- गोविंदगंज सीट – राजू तिवारी की दावेदारी
चिराग पासवान की पहली पसंद गोविंदगंज विधानसभा सीट है। यहां से वे लोजपा(आर) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी को टिकट देना चाहते हैं। वर्ष 2020 में यहां बीजेपी के सुनील कुमार मणि ने कांग्रेस के ब्रजेश पांडे को हराया था, जबकि राजू तिवारी तीसरे स्थान पर रहे थे। अगर यह सीट लोजपा(आर) को मिलती है, तो बीजेपी को अपने ही सिटिंग विधायक का टिकट काटना होगा, जो बड़ा राजनीतिक जोखिम होगा।
- ब्रह्मपुर सीट – हुलास पांडेय पर दांव
दूसरी सीट है ब्रह्मपुर विधानसभा, जहां से चिराग पासवान अपने करीबी नेता हुलास पांडेय को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। 2020 के चुनाव में यहां RJD के शंभू यादव ने जीत दर्ज की थी, जबकि हुलास पांडेय को 39,035 वोट मिले थे और वे दूसरे स्थान पर रहे थे। उस समय NDA ने वीआईपी के प्रत्याशी को मैदान में उतारा था, जो तीसरे स्थान पर रहा।
- अतरी सीट – अरविंद सिंह की उम्मीदवारी
तीसरे नंबर पर है अतरी विधानसभा सीट। चिराग यहां से पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अरविंद सिंह को चुनावी जंग में उतारना चाहते हैं। 2020 में इस सीट पर RJD के अजय यादव विजयी रहे थे, जबकि JDU की मनोरमा देवी दूसरे और लोजपा के अरविंद सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे। अगर JDU यहां से दावा छोड़ती है, तभी लोजपा(आर) को यह सीट मिल सकती है।
- महुआ सीट – संजय सिंह पर भरोसा
लोजपा(आर) की चौथी पसंद है महुआ विधानसभा सीट, जहां से चिराग पासवान संजय सिंह को टिकट देना चाहते हैं। पिछली बार यहां RJD के मुकेश रौशन ने JDU की आसमा परवीन को मात दी थी। ऐसे में अगर JDU यह सीट छोड़ने को तैयार होती है, तभी संजय सिंह को मौका मिलेगा।
- सिमरी बख्तियारपुर सीट – अंतिम दांव
चिराग की पांचवीं नजर है सिमरी बख्तियारपुर सीट पर। 2020 के चुनाव में यहां RJD के यूसुफ सलाउद्दीन ने वीआईपी के मुकेश सहनी को हराया था। अब इस सीट को भी चिराग अपने खेमे के लिए चाहते हैं।
NDA में बढ़ी बेचैनी
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इन 5 सीटों पर चिराग पासवान की जिद से NDA में सीट बंटवारे का फार्मूला उलझ गया है। भाजपा और जेडीयू के लिए अपने मजबूत क्षेत्रों को छोड़ना आसान नहीं होगा, जबकि चिराग अपने कद्दावर नेताओं को टिकट दिलाने पर अड़े हुए हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि गठबंधन इस सियासी पेंच को कैसे सुलझाता है।
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