
Chandauli News: चंदौली जिले के चकिया स्थित सिविल जज कुंवर जितेंद्र प्रताप सिंह की अदालत ने मंगलवार देर शाम 24 साल पुराने मारपीट और चोट पहुंचाने के मामले में फैसला सुनाया। कोर्ट ने चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए एक-एक साल कैद और दो-दो हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि अर्थदंड जमा नहीं किया गया, तो दोषियों को सात दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
क्या है मामला?
यह मामला वर्ष 2001 के 12 जुलाई का है। उस वक्त चकिया थाना क्षेत्र में मारपीट और चोट पहुंचाने की गंभीर घटना दर्ज हुई थी। पुलिस ने मामले की जांच कर पचवनिया गांव के चार लोगों – विद्यासागर चौहान, लोचन चौहान, राजेन्द्र चौहान और राजनारायण को आरोपी बनाकर जेल भेजा था।
अदालत में हुई सुनवाई
करीब दो दशक से ज्यादा समय तक यह मामला अदालत में लंबित रहा। मंगलवार की देर शाम सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से पैरोकार दुर्गेश कुमार यादव ने मजबूत पैरवी करते हुए साक्ष्य प्रस्तुत किए। वहीं, अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने भी कोर्ट में ठोस तर्क रखे।
कोर्ट का फैसला
सभी साक्ष्यों और तर्कों पर गौर करने के बाद अदालत ने चारों आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा का ऐलान किया। प्रत्येक आरोपी को एक साल कैद और दो-दो हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया गया। कोर्ट ने साफ कहा कि अर्थदंड जमा न करने पर सात दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
24 साल बाद सजा, लोगों में चर्चा
इस फैसले ने इलाके में चर्चा छेड़ दी है। लोग कह रहे हैं कि भले ही देर लगी, लेकिन न्याय मिला जरूर। इस तरह के पुराने मामलों में सजा का ऐलान होने से कानून पर लोगों का भरोसा और मजबूत होगा।
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