
Bihar Election 2025: जन सुराज के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी पार्टी की फंडिंग और इनकम से जुड़े सवालों पर खुलकर जवाब दिया। अपनी कमाई से लेकर इंकम टैक्स तक की एक एक डीटेल भी बताया। साथ ही उन्होंने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए बड़ा राजनीतिक बम फोड़ा।
पार्टी की फंडिंग का हिसाब
प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले तीन सालों में जन सुराज को जो पैसा मिला, उसका पूरा स्रोत पारदर्शी है। उन्होंने बताया कि उन्होंने चुनावी रणनीतिकार के तौर पर अलग-अलग नेताओं और पार्टियों को सलाह दी और प्राइवेट कंपनियों से कंसल्टेंसी फीस ली। प्रशांत किशोर ने बताया-
“तीन साल में मैंने 241 करोड़ रुपये फीस के तौर पर कमाए। इस पर करीब 31 करोड़ रुपये जीएसटी और लगभग 20 करोड़ आयकर सरकार को दिया। अपने खर्च निकालकर मैंने 98 करोड़ 75 लाख रुपये जन सुराज को डोनेट किए। पीके ने साफ कहा कि उनकी कमाई और खर्च का हर पैसा रेकॉर्डेड है और इसमें किसी तरह का काला धन शामिल नहीं है।”
सम्राट चौधरी पर हत्या और रेप-हत्याकांड का आरोप
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर सबसे बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी 7 लोगों की हत्या के मामले में अभियुक्त हैं। पीके ने आरोप लगाया कि 1995 के तारापुर केस नंबर 44/1995 में सम्राट चौधरी को नाबालिग बताकर राहत दिलाई गई, जबकि उस वक्त उनकी उम्र 26 साल थी। उन्होंने कहा-
“अगर सम्राट चौधरी अभियुक्त होकर भी सत्ता में रह सकते हैं, तो फिर बिहार की जेलों में बंद हर हत्या के आरोपी को रिहा कर देना चाहिए। अगर पुलिस कार्रवाई नहीं करती है, तो हम कोर्ट जाएंगे।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि शिल्पी गौतम रेप-हत्याकांड में भी सम्राट चौधरी का नाम संदिग्ध के तौर पर था। उस केस को पहले सुशील मोदी ने उठाया था।
अशोक चौधरी पर भ्रष्टाचार का आरोप
प्रशांत किशोर ने जदयू नेता और कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब से उनकी बेटी की शादी हुई है, तब से पटना में 100 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी गई। पीके के अनुसार, यह संपत्ति विकास वैभव ट्रस्ट के नाम पर खरीदी गई, जिसमें जियालाल आर्य, अनिता कुणाल (किशोर कुणाल की पत्नी) और मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की सास ट्रस्टी हैं।
उन्होंने दावा किया कि अशोक चौधरी ने पिछले 8 महीने में 20 हजार करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट्स दिए और उसमें 5% कट मनी ली गई। पीके ने कहा
“एक इंजीनियर इनके लिए पैसा वसूलता था। एक बार पकड़ा भी गया और उस रात नोटों की गड्डियां जलाई गईं। अशोक चौधरी बताएं कि इसमें उनकी भूमिका क्या थी।”
पीके ने चेतावनी दी कि अगर अशोक चौधरी ने उनके खिलाफ मानहानि का नोटिस वापस नहीं लिया, तो वे उनके खिलाफ 500 करोड़ रुपये की हेराफेरी का खुलासा करेंगे।
राजद पर तंज
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि तेजस्वी यादव भी भ्रष्ट नेताओं की लिस्ट बना रहे हैं, तो पीके ने तीखा जवाब दिया।
“अगर तेजस्वी वाकई ईमानदार हैं, तो सबसे पहले अपनी लिस्ट में अपने दोनों मामाओं (साधु और सुभाष यादव) का नाम लिखें, फिर अपने माता-पिता का नाम लिखें। पूरा बिहार जानता है कि राजद वाले चोर हैं।”
पीके के इन आरोपों से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। एक ओर उन्होंने अपनी पार्टी फंडिंग को पारदर्शी बताया, वहीं सत्ताधारी नेताओं पर बड़े-बड़े आरोप लगाकर जेडीयू और बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया। आने वाले दिनों में यह मामला और गरमा सकता है।
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