
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराने का एलान किया। 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा। 14 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे। बिहार में मतदाता लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के बाद करीब 7.43 करोड़ मतदाता राज्य की नई सरकार चुनेंगे। इनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.50 करोड़ महिला मतदाता होंगी। 14 लाख से अधिक मतदाता पहली बार मतदान में भाग लेंगे। पिछला विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हुआ था।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बढ़ती चुनावी दक्षता व केंद्रीय बलों की उपलब्धता के आधार पर दो चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया गया है। बिहार की 243 विधानसभा सीटों में 203 सीटें सामान्य श्रेणी की हैं, जबकि 38 सीटें एससी और दो सीटें एसटी श्रेणी के लिए आरक्षित हैं।
पहली बार प्रत्येक सीट में एक-एक पर्यवेक्षक की तैनाती की गई है। ये पर्यवेक्षक दूसरे राज्यों के आइएएस अधिकारी हैं। सभी जिलों में एक-एक पुलिस पर्यवेक्षक व प्रत्येक दो से तीन सीटों पर एक आय-व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया जाएगा। इस घोषणा के दौरान चुनाव आयुक्त डा सुखबीर सिंह संधू और डा विवेक जोशी भी मौजूद थे।
ज्ञानेश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान शुरू की जाने वाली 17 नई पहलों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन पहलों को चुनाव की तैयारी से लेकर मतगणना तक सभी चरणों में लागू किया जाएगा। बिहार के विविधतापूर्ण भौगोलिक क्षेत्र को देखते हुए चुनाव के लिए नए सुरक्षा उपाय किए जाएंगे। दियारा क्षेत्र में गश्ती दल लगभग 250 मतदान केंद्रों की निगरानी के लिए घोड़ों का उपयोग करेंगे। नदी या जलभराव वाले क्षेत्रों में स्थित 197 मतदान केंद्रों पर मतदान कर्मी नाव से यात्रा करेंगे।
प्रेस ट्रस्ट के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज केवल हाई कोर्टों के साथ साझा किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे इलेक्ट्रानिक रिकार्ड जनता को देना मतदाताओं की निजता का उल्लंघन है।
मतदान कार्यक्रम
पहला चरण: 121 विधानसभा सीटों पर होगा चुनाव। मतदान छह नवंबर को होगा। नामांकन 10 अक्टूबर से ही शुरू हो जाएगा। नामांकन की अंतिम तारीख-17 अक्टूबर। नामांकन पत्रों की जांच-18 अक्टूबर। नाम वापसी की तारीख-20 अक्टूबर ।
दूसरा चरण: 122 विधानसभा सीटों पर होगा चुनाव। मतदान 11 नवंबर को होगा। नामांकन 13 अक्टूबर से शुरू होगा। नामांकन की अंतिम तारीख-20 अक्टूबर। नामांकन पत्रों की जांच-21 अक्टूबर। नाम वापसी की अंतिम तारीख-23 अक्टूबर।
एनडीए का गणित
- एनडीए की सबसे बड़ी ताकत केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं हैं, साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्वीकार्यता भी है।
- एनडीए की कुछ कमजोरियां भी उजागर हुई हैं। मौजूदा विधायकों के बारे में आंतरिक सर्वे रिपोर्ट में सकारात्मक बातें नहीं आई हैं।
- उम्मीदवारों के चयन में शिकायतें भी हैं। भ्रष्टाचार का मुद्दा भी सरकार के लिए नया मोर्चा बन गया है, जिसे प्रशांत किशोर ने उठाया है।
- भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस की नीति पर चलने वाली सरकार के लिए ये आरोप चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं।
महागठबंधन का समीकरण
- महागठबंधन के लिए संतुलन साधना चुनौतीपूर्ण होगा। लगातार सत्ता से दूर बने रहने से मनोबल पर असर
- सकारात्मक संकेत यह है कि राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के बाद कांग्रेस में हलचल देखी जा रही है।
- राजद के आश्रित होने है लड़ाई के कारण घर बैठे पुराने कांग्रेसी महागठबंधन की ओर लौटने के लिए उत्सुक हैं।
- पिछले साल के लोकसभा चुनाव के परिणामों ने मनोबल बढ़ाया है, जहां 2019 में उसे एक सीट मिली थी, वहीं 2024 में नौ सीटें मिलीं।
- चुनौती यह है कि उसके उम्मीदवारों के चयन में जीत की संभावना के बजाय अन्य गुणों पर जोर दिया जा रहा है।
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