Bhagyalaxmi Scam: ऑनलाइन लॉटरी से ठगी करने वाले भाई गिरफ्तार, वाराणसी, चंदौली समेत कई शहरों में फैला है नेटवर्क

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Bhagyalaxmi Scam

Bhagyalaxmi Scam: कानपुर के किदवई नगर में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) लखनऊ ने आनलाइन गेमिंग वर लाटरी के जरिये जीत का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह का राजफाश किया है। टीम ने दो सगे भाइयों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान वाराणसी के लहरतारा निवासी रजत केशरी व किशन केशरी के रूप में हुई है। इनके पास से पांच मोबाइल फोन, तीन लैपटाप, तीन एटीएम कार्ड, दो पैन कार्ड और तीन आधार कार्ड बरामद हुए हैं। एसटीएफ ने आरोपितों के खिलाफ आइटी एक्ट की धाराओं में किदवई नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

एसटीएफ लखनऊ के एडीसीपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि गिरोह प्रदेश में वेबसाइट के जरिये लोगों को ठगी का शिकार बनाता था। इंटर तक पढ़ाई करने बाद वह शहर आ गए थे। यहां कुछ वर्षों तक नौकरी करने के बाद वर्ष 2022 में दोनों भाई पुणे (महाराष्ट्र) में अपने मौसा महेंद्र केशरी के पास चले गए थे। वहां एक वेबसाइट बनवाई। इसके बाद नकली दस्तावेजों के जरिये सिम कार्ड खरीदकर वाट्सएप ग्रुप बना लोगों को दस गुणा मुनाफे का लालच देकर ठगी करने लगे। टिकट बुकिंग के बाद साफ्टवेयर के जरिये कम खरीदे गए नंबर को विजेता घोषित कर रकम हड़प लेते थे। गिरोह शहर के साथ वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, प्रयागराज समेत अन्य दूसरे राज्यों के जिलों में भी सक्रिय है।

‘भाग्यलक्ष्मी’ वेबसाइट के जरिये 20 मिनट में हड़प लेते थे रकम

एडीसीपी ने बताया कि आरोपित ‘भाग्यलक्ष्मी’ वेबसाइट (Bhagyalaxmi Scam) के जरिये लोगों को ठगते थे। इसके लिए शहर में काउंटर एजेंट्स बना रखे थे। इनके जरिये शून्य से लेकर नौ नंबर तक के अंकों की बिक्री होती थी। वाट्सएप पर भी नंबरों की बिक्री की जाती थी। इसके बाद डाटा को द फन वेबसाइट पर फीड किया जाता था, जिसके जरिये ठगों को उस अंक की जानकारी हो जाती थी, जो सबसे कम बिका होता था। 20 मिनट बाद परिणाम की घोषणा कर मोटी रकम हड़प लेते थे। पूछताछ में करोड़ों रुपये की ठगी किए जाने का पता चला है। दोनों भाई यहां किराये के मकान में रहते थे।

लेनदेन के लिए फर्जी दस्तावेजों पर बना रखी थीं कई फर्मे

एडीसीपी ने बताया कि रुपयों के लेनदेन के लिए मौसा महेंद्र केशरी के कहने पर ही आरोपितों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये कुछ फर्में बना रखी थी। उन्हीं के नाम पर खोले गए खातों से ही रुपयों का लेनदेन होता था। उन बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि रुपयों की भी रिकवरी की जा सके।

गिरोह के अन्य सदस्यों में महेंद्र केशरी, संदीप कटारिया, शिवम केशरी, सत्यम केशरी व संदीप पाठक, पुणे के रजा खान, जौनपुर के श्यामजी जायसवाल, प्रयागराज के मुडैरा के अवधेश कुमार, संजय कुमार त्रिलोकी, अमित कुमार केशरी, अनवर अली मुन्ना, राजेंद्र उर्फ राजन, रावेंद्र मिश्रा, मनीष कुमार गोयल, अमित सिंह, शुभम यादव, अमर दीप, कमलदीप, चंदौली के बबुरी के दानिश अहमद, वाराणसी के विक्की, गौतम दास गुप्ता, रोहित, गोपाल केसरवानी, बबलू टंडन, माता प्रसाद, सौरभकेसरवानी, सोनू सुलाके चेराहा, मनोज रावत, पप्पू केसरवानी, साजन गुप्ता, संजय वर्मा, राजनीश कुमार दुबे शामिल हैं। सभी की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

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