अमेरिका-पाकिस्तान की साज़िश से बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट।

Spread the love & Share it

बांग्लादेश
घरों में लूटपाट, आगजनी, मन्दिरों में तोड़फोड़ और अपने ही देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना! बस यही पहचान बची है, भारत में अल्पसंख्यक और बांग्लादेश में बहुसंख्यक मानी जाने वाली, दुनियाँ की इस शांतिप्रिय विशेष कौम की। हालांकि, अब बांग्लादेश में उपजे इस बुरे हालात के लिए, अमेरिका, चीन और पाकिस्तान का आ रहा नाम। ऐसे में एक सवाल लाज़िमी है। आखिर, कौन है बांग्लादेश में तख्तापलट का असली खिलाड़ी? पाकिस्तान, चीन या अमेरिका। इन सवालों के जवाब देने से पहले बता दें कि, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने भी, उनकी मां की सत्ता जाने और देश छोड़ने के पीछे, बाहरी शक्तियों का हाथ होने की बात कही है और उनका शक दो देशों पर है।
 
खबरों के खिलाड़ी। ताज्जुब है कि शेख हसीना जिस मुल्क की सत्ता को पिछले 15 वर्षों से संभाल रही थीं। उन्हें अचानक से, सिर्फ सत्ता ही नहीं बल्कि अपना मुल्क भी छोड़ना पड़ा। हालांकि, इस पूरे मामले के बीच सवाल एक ही है। आखिर बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे है कौन? वो कौन है, जिसने शेख हसीना के तख्तापलट की पूरी पटकथा लिख दी। क्योंकि इसके पीछे, सिर्फ छात्र आंदोलन तो एकमात्र वजह नहीं हो सकती, बल्कि बाहरी शक्तियों का हाथ भी मालूम होता है। कुछ ऐसा ही इशारा शेख हसीना बेटे सजीब वाजेद ने भी दिया है। वहीं राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि इसके पीछे पाकिस्तान और चीन जैसी ताकतें हैं।
 

इस तख्तापलट के पीछे पाकिस्तान की क्या भूमिका है?

 
बता दें कि बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से उग्र हो रहे छात्र आंदोलन के पीछे कट्टरपंथी संगठन “जमात-ए-इस्लामी” का हाथ माना जा रहा है और इस संगठन को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISIS का करीबी माना जाता है। वहीं हसीना के सत्ता छोड़ते ही, विपक्षी नेता खालिदा जिया की रिहाई के भी आदेश दे दिए गए हैं। बता दें कि, खालिदा जिया का झुकाव भी हमेशा से चीन और पाकिस्तान की तरफ माना जाता है और उनकी पार्टी BNP, “जमात-ए-इस्लामी” की सहयोगी है। तो ऐसे में खालिदा जिया की रिहाई, बांग्लादेश का वर्तमान और भविष्य दोंनों ही बयां कर रही है। अब बांग्लादेश की नई सरकार का झुकाव किस तरफ होगा, इसका अंदाजा लगा पाना ज्यादा मुश्किल नहीं है। अतः तख्तापलट में पाकिस्तान की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं हसीना के तख्तापलट के पीछे, अमेरिका की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

 

बांग्लादेश तख्तापलट के पीछे अमेरिका कैसे शामिल हो सकता है?

 
बता दें कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने भी उनकी मां की सत्ता जाने और देश छोड़ने के पीछे, बाहरी शक्तियों का हाथ होने की बात कही है। उनका शक पाकिस्तान के साथ ही अमेरिका पर भी है और सजीब वाजेद ने इस ओर इशारा किया कि, पाकिस्तान की तरह ही अमेरिका भी बांग्लादेश में मजबूत सरकार नहीं चाहता, उसकी इच्छा बांग्लादेश की सरकार को कमजोर करने की है। अमेरिका एक ऐसी सरकार चाहती है, जिस पर उनका नियंत्रण हो। क्योंकि वह शेख हसीना सरकार को कंट्रोल नहीं कर सके थे। वहीं शेख हसीना ने भी 2 महीने पहले, किसी व्हाइट मैन के ऑफर का जिक्र एक मीटिंग के दौरान किया था। मई 2024 में उन्होंने कहा था कि, एक विदेशी देश ने उनको ऑफिर दिया है। अगर वह बांग्लादेश में उनका एयरबेस बनने देंगी, तो उनकी चुनावों में वापसी आसानी से करवा दी जाएगी। उन्होंने अमेरिका का नाम लिए बिना कहा था कि, अगर वह खास देश को एरसबेस बनाने देती हैं, तो उनको कोई भी परेशानी नहीं होगी। उन्होंने इस ऑफर को देने के लिए, किसी व्हाइट मैन का जिक्र किया था। जब उनसे इस व्हाइट मैन के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि, उनसे वह कह चुकी हैं- अपने देश के किसी भी हिस्से को, किसी और को सौंपकर सत्ता में वापसी नहीं करना चाहती हैं।
 
हसीना ने ये भी दावा किया था कि बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ हिस्सों को हटाकर, वहां ईसाई देश बनाने की भी साजिश रची जा रही है। हसीना ने इस दौरान ईस्ट तिमोर का भी जिक्र किया था। क्योंकि ईस्ट तिमोर इलाका, साल 2002 में स्वतंत्र हुआ है और यहां पर अमेरिका की अच्छी खासी मौजूदगी मानी जाती है। सूत्रों की माने तो बंगाल की खाड़ी, वैश्विक व्यापार की रणनीति के लिहाज से बहुत अहम है और अमेरिका यहां पर लगातार मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश कर रहा था। जिससे वह चीन के खिलाफ अपनी मौजूदगी को अत्यधिक मजबूत कर सके। लेकिन शेख हसीना अमेरिका के राह में आड़े आ रही थीं। अतः तख्तापलट के पीछे अमेरिका का होना, इस आरोप के प्रबल संकेत हैं।
 
बांग्लादेश तख्तापलट को लेकर आप पाठकों क्या लगता है? अपने जवाब कमेंट बॉक्स में जरूर दें।

Spread the love & Share it

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *